किस पर कितना बकाया?
पिछले हफ्ते आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी देनदारी से अब तक बचती आ रहीं टेलीकॉम कंपनियों को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। दरअसल, टेलीकॉम कंपनियां लगातार अपनी देनदारी टालती रही और कभी भी इसके लिए प्रोविजनिंग नहीं की और ना ही कभी प्रोमोटर्स ने कंपनी में पर्याप्त इक्विटी डाली। लेकिन अब उन्हें 3 महीने के भीतर सारी देनदारी यानी 1 लाख 33 हजार करोड़ रुपए चुकाने हैं।
Vodafone-Idea पर 39000 करोड़ रुपये और Bharti Airtel पर 41000 करोड़ की रकम बकाया है। दोनों कंपनियों के प्रोमोटर पर सवाल उठे हैं और कहा जा रहा है कि दोनों कंपनियों के प्रोमोटर्स ने पर्याप्त इक्विटी नहीं डाली। प्रोमोटर्स ने कर्ज या हिस्सा बेचकर कंपनियों को आगे बढ़ाया। इस मामले में कंपनियों ने निवेशकों को भी धोखे में रखा। 2005 से ही कंपनियों की देनदारी तय हो गई थी। CAG ने कई बार सरकार की मांग को सही ठहराया था। स्पेशल ऑडिटर भी सरकार की मांग से सहमत थे। इसके बावजूद कंपनियों ने खातों में इस डिमांड को नहीं दिखाया।
MANOJ GAIROLA का कहना है कि इन कंपनियों ने जो सरकार को देना था वो दिया नहीं और बैंक से कर्जे उठाकर विस्तार किया। टेलीकॉम सेक्टर की कमाई में जिस तरह की ग्रोथ देखने को मिली उस हिसाब से इन कंपनियों को सरकार को जो पैसा देना था वो नहीं चुकाया गया और मामले को अदालत में लटकाने की रणनीति अपनाई गई। लेकिन अब आया फैसला इन कंपनियों पर भारी पड़ रहा है। इन टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने देश की जनता का पैसा मारा है।
- SC के आदेश को देखते हुए Bharti Airtel ने नतीजों की तारीख टाल दी है। नतीजे की तारीख 14 नवंबर तक के लिए टाली गई है। कंपनी ने कहा है कि AGR मामले में और सफाई की जरूरत है। कंपनी ने AGR मामले में DoT से सहयोग की मांग की है।
Comments
Post a Comment